
आशुतोष ठाकुर, रायपुर. छत्तीसगढ़ के खूबसूरत तीरथगढ़ जलप्रपात क्षेत्र में अब पर्यटन का नया रोमांच जुड़ गया है। बस्तर संभाग को जहां लाल आतंक के नाम से जाना जाता था, तो वहीं पर्यटन की अपार संभावना को देखते हुए तीरथगढ़ क्षेत्र में बांबू राफ्टिंग की शुरुआत की गई है जिसका वन मंत्री केदार कश्यप ने खुद जाकर जायजा लिया।

इसके मद्देनजर मंत्री केदार कश्यप ने तीरथगढ़ के मूंगाबाहर नाले में प्राकृतिक बाम्बू राफ्टिंग और कायाकिंग का रोमांचकारी अनुभव लिया। इस दौरान उन्होंने इको विकास समिति के सदस्यों से पर्यटन की संभावनाओं और स्थानीय विकास पर सार्थक संवाद किया। यह पहल न केवल स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर खोलेगी, बल्कि छत्तीसगढ़ की प्राकृतिक और सांस्कृतिक पहचान को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नए आयाम देगी।

तीरथगढ़ क्षेत्र में राफ्टिंग और कायाकिंग जैसी गतिविधियाँ राज्य के इको-टूरिज्म को नई दिशा देने की बड़ी शुरुआत मानी जा रही हैं। इस अवसर पर वन मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और भाजपा संगठन द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ के प्राकृतिक स्थलों को पर्यटन मानचित्र पर नई पहचान मिले।




