गरियाबंद में नक्सल मोर्चे से बड़ा खुलासा: पूर्व नक्सलियों ने कमांडरों को लिखा पत्र, कहा- अब फालतू क्यों मरना?

आशुतोष ठाकुर, रायपुर. गरियाबंद से नक्सल मोर्चे पर एक मानवता और परिवर्तन की बड़ी खबर आई है। जहां नक्सल प्रभावित इलाकों में आज सुबह जगह-जगह पूर्व नक्सली जानसी और जैनी द्वारा लिखा गया एक पत्र मिला है यह पत्र सीधे नक्सली कमांडर बलदेव और ज्योति को संबोधित है।

पत्र में लिखा है अब फालतू क्यों मरना?
संगठन कमजोर है, लड़ाई व्यर्थ है। जंगल में बीमारी और दर्द झेलने से बेहतर है मुख्यधारा में लौट आना। यहां आने के बाद सभी सुविधाएं मिलेंगी। हालांकि इस वायरल पत्र की पुष्टि खबर lajawab.com नहीं करता है। पत्र में बलदेव और ज्योति को ‘भैया-दीदी’ कहकर संबोधित करते हुए लिखा गया है कि आप लोग घुटनों के दर्द और अन्य बीमारियों से पीड़ित हैं, जंगल का जीवन अब और नहीं संभल पाएगा। उड़ीसा वाले सभी नक्सली मुठभेड़ में मारे जा चुके हैं।

सोनू और रूपेश जैसे बड़े नक्सली भी आत्मसमर्पण कर चुके हैं,
अब जीवन बचाने का समय है। गरियाबंद के जंगलों से निकला यह पत्र नक्सलवाद के अंत की दिशा में एक नई दस्तक माना जा रहा है। बीते दिनों जगदलपुर के पुलिस ग्राउंड में 208 नक्सलियों को आत्मसमर्पण कराया गया, जिसको लेकर सरकार ने इसे पुनर्वास से पुनर्जीवन की राह पर आगे बढ़ना बताया है।




