
आशुतोष ठाकुर, रायपुर. छत्तीसगढ़ के जंगल अब भी जंगली जानवरों के लिए पूरी तरह सुरक्षित नहीं हैं। हर साल शिकारियों द्वारा फंदे और करंट तार बिछाए जाने से दर्जन भर हाथियों सहित कई जंगली जानवरों की मौत हो चुकी है। हाल ही में छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में जंगली सूअर के शिकार के लिए बिछाए गए करंट प्रवाहित तारों के कारण एक हाथी की मौत हो गई। घटना तमनार रेंज, ग्राम केराखोल की है, जहां मृत हाथी का उम्र लगभग 7 साल बताया जा रहा है। मौके पर पहुंचकर वन विभाग सहित डॉक्टर की टीम ने मृतक हाथी का पंचनामा और पोस्टमार्टम किया। इस बीच वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत अज्ञात आरोपियों की पहचान और कार्रवाई की जा रही थी।

इस मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए वन विभाग ने पूर्व जिला पंचायत सदस्य के पति बसंत राठिया और उनके साथी वीरसिंह माझी और रामनाथ राठिया को गिरफ्तार किया। आरोप है कि तीनों ने जंगली सूअर के शिकार के लिए बिजली के तार बिछाए थे, और उसी के कारण हाथी की मौत हुई।

इस घटना को लेकर तमनार के रेंजर विक्रांत कुमार विजेंद्र ने बताया कि तीनों आरोपियों को रिमांड पर जेल भेजा गया और मामले की आगे की जांच जारी है। बिजली तार करंट की चपेट में आने से हाथी की मौत हुई थी इस पर वन विभाग ने आरोपियों को गिरफ्तार कर सख्त कार्रवाई की है, और इस तरह की अवैध गतिविधि की सूचना पर आगे भी वन विभाग कार्यवाही करेगी।
गजराजों की मौत पर जिम्मेदार कौन?
हाल ही में रायगढ़ में हाथी की करंट तार की चपेट में मौत ने एक बार फिर इस समस्या को उजागर किया। सवाल यह उठता है कि जब वन विभाग के पैदल गार्ड से लेकर वरिष्ठ अधिकारी तक जंगल में ड्यूटी पर रहते हैं, तब इस तरह के करंट तार की मौजूदगी कैसे अनदेखी रह जाती है। वन विभाग ने इस मामले में आरोपियों को गिरफ्तार किया है, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों को यह सोचना होगा कि अगर ड्यूटी के दौरान पहले से करंट तार की सूचना मिल जाती, तो शायद इस बार हाथी की जान बच सकती थी।




