संघ का शताब्दी वर्ष : PM मोदी ने जारी किया 100 का स्मृति सिक्का, संघ प्रमुख डॉ. मोहन भागवत ने आज स्वयंसेवकों को नागपुर से किया संबोधित

आशुतोष ठाकुर, रायपुर. आज का दिन इतिहास के पन्नों में दर्ज होने वाला है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी आरएसएस ने अपनी स्थापना के 100 वर्ष पूरे कर लिए हैं।
वर्ष 1925 में डॉक्टर केशव बलिराम हेडगेवार जी द्वारा स्थापित यह संगठन आज पूरे देश और दुनिया में अपने कार्यों से नई पहचान बना चुका है।

नागपुर के रेशिमबाग मैदान में आज सुबह विजयादशमी उत्सव का भव्य आयोजन हुआ। इस कार्यक्रम में देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. रामनाथ कोविंद मुख्य अतिथि के रूप में शामिल रहे, तो वहीं संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने स्वयंसेवकों को मार्गदर्शन दिया। बीते सौ वर्षों में संघ ने शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्राम विकास, आपदा प्रबंधन और सबसे बढ़कर राष्ट्रभक्ति की भावना जगाने में अहम भूमिका निभाई है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस ऐतिहासिक अवसर पर 100 रुपए का विशेष स्मृति सिक्का जारी किया,
जिस पर एक स्वयंसेवक को शाखा लगाते हुए दर्शाया गया है—जो संघ की अनुशासन और समर्पण की पहचान है।

इधर, रायपुर के दुर्गा गार्डन सेक्टर-2 में आज एक खास अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का पथसंचलन कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम संघ के 100 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में मनाए जा रहे विजयादशमी उत्सव का हिस्सा था। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में संघ के स्वयंसेवक शामिल हुए, जिन्होंने उत्साह और अनुशासन का बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत किया। उस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में कार्यक्रम में उपस्थित क्षेत्र संघचालक डॉ. पूर्णेदू सक्सेना ने स्वयंसेवकों को संगठन और सेवा के महत्व पर जोर दिया।
इसके साथ ही छत्तीसगढ़ी फिल्म निर्देशक सतीश जैन भी इस कार्यक्रम में शामिल होकर इसे और यादगार बना गए। यह आयोजन न केवल संघ की शताब्दी वर्ष की गरिमा को बढ़ाता है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को सेवा, एकता और राष्ट्रभक्ति का संदेश देता है।
आज पूरे देश में उत्साह का माहौल है। आज देश भर में पथ संचलन, शस्त्र पूजन और विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। यह शताब्दी वर्ष केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को संगठन, सेवा और राष्ट्रहित का संदेश देने का अवसर है।




