मुंगेली. श्री राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा गृह संपर्क अभियान राम भक्त सम्मेलन एवं सहभोज कार्यक्रम का आयोजन लोरमी नगर सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल परिसर में किया गया. जहां अयोध्या धाम से आए इस प्रसाद वितरण कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में चंद्रशेखर वर्मा प्रांत कार्य अध्यक्ष विश्व हिंदू परिषद का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ. इस दौरान उन्होंने इस कार्यक्रम में शामिल लोगों को संबोधित करते हुए कहा राम हमारी सांसो राम में है. राममय वातावरण को लक्ष्य ध्यान में रखते हुए हमारे भारत के मंदिरों को पहले विदेशी आक्रांताओं के द्वारा तोड़ा गया.
सभी मंदिर हमारे गौरव, भगवान राम हमारे आदर्श
मंदिर हमारे भारत के केंद्र बिंदु में रहते थे. विश्व गुरु मानते थे हमारे विश्व गुरु भारत प्राचीन भारत धनाट्य भारत. हर व्यक्ति मंदिर में अपन सेवा कार्य करते थे. इस मंदिर के माध्यम से हमारे गौरव आस्था के मूल बिंदु मंदिर को तोड़ कर घर घर में राम है शंकर है कृष्णा है आस्था के राम मंदिर को तोड़ दिए. राम मंदिर को बाबर के द्वारा तोड़ दिए गए. काशी विश्वनाथ को तोड़ दिए गए ऐसे 33हजार मंदिर जो है भारतवर्ष के तोड़ दिए गए. भारत के स्वतंत्रता के बाद सोमनाथ मंदिर उद्धार किए गए. सभी प्रकार के बाबर के नाम रोड के नाम को हटा दिया गया. उन्होंने बताया कि मंदिर के 1949 में प्रकट किए गए अखंड राम कीर्तन शुरू हुए कल वहां के कलेक्टर सूचना दी कि रामलला को हटा दो लेकिन तत्कालीन वहां के दिन कलेक्टर है इसे वह अड़ गए लेकिन रामलला के मंदिर नहीं हटाएंगे फिर वह सांसद होकर अयोध्या में आगे 1980 के बाद विश्व हिंदू परिषद एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवको और हिंदू समाज के द्वारा सभी कार्यकर्ताओं ने संकल्पित एवं एकात्मता यात्रा जो है 1982- 83 में जय गंगा रामेश्वर जय सोमनाथ की यात्रा शुरू किया. इसी प्रकार से राम जानकी रथ यात्रा रामशीला पूजन के कार्यक्रम साथ ही साथ विभिन्न जागरण के कार्यक्रम जो है.
राम मंदिर निर्माण में कार सेवकों की अहम भूमिका
1990 में पहली कार सेवा यात्रा प्रारंभ हुई जिसमें पैदल यात्री के रूप में पांच-पांच की टोली बनाए गए और अयोध्या चलकर रामलाल के मंदिर के स्थापना के लिए अथक प्रयास किया. फिर विभिन्न सरकारों के द्वारा रोकने के प्रयास हुए फिर भी से हमारे जो कार सेवक थे वह करीब करीब एक लाख की संख्या में प्रातः जो है प्रकट हो जाते हैं और उसे बाबरी मस्जिद को तोड़ देते हैं कई राम भक्तों के ऊपर गोली चलाया गया राम भक्तों को रेट की बोरी में बांधकर सरयू नदी में भारी गई कर सेवक वसुदेव कुटुंबकम की भावना से श्री राम जय राम कहते हुए 6 दिसंबर 1992 को जब राम मंदिर हम आएंगे और भव्य मंदिर बनाएंगे इस प्रकार के संकल्प लेकर के दोहराया गया उसी दिन ठीक 12 से 6 बजे ढांचा टूटने के बाद 6 बजे राष्ट्रपति शासन लागू हुआ अयोध्या जो है पूरे छावनी में तब्दील हो गया राम मंदिर प्रसिद्ध प्रतिष्ठित होकर के वहां पूरे छावनी से एक संकल्प लिया गया कि कोई भी अब बाबरी मस्जिद के नामोनिशान नहीं रहेंगे. आप सभी राम भक्त के कारण से ही 22 जनवरी को मंदिर निर्माण किया गया. सभी राम के आदर्शों पर चलकर के हम सब अपने जीवन को धन्य बनाएं प्रतिदिन सुबह उठकर अपने माता-पिता को प्रणाम करें जिस प्रकार से रामचरित्र मानस में भगवान राम जो है प्रातः उठकर के प्रात काल उठकर रघुनाथ नाम ही माता-पिता गुरु माता की चरितार्थ को दोहराते हुए हम घर के अंदर ही अपने संस्कारों पर हमको विचार करना चाहिए जिसमें रघुकुल इसी तरह चली आई प्राण जाए पर वचन न जाए इस प्रकार के भाव को लेकर के समाज में एक समरसता का भाव छुआछूत मिटाने के लिए हम संकल्पित हो जाए.
गौ रक्षा के लिए हम संकल्पित हो जाए समाज की रक्षा के लिए हम संकल्पित हो जाए. धर्मांतरण की दिशा में भी प्रकाश डाला जिसमें हम कोई भी हिंदू धर्मांतरित नहीं होंगे यह संकल्प हम आज लेते हैं. साथ ही साथ मातृशक्ति के ऊपर भी उन्होंने अपने विचार रखें. जिसमें अपनी भारतीय नारी के विषय पर बात उठाई कि आज जिस प्रकार से लव जिहाद अब आतताईयों के द्वारा स्त्रियों का किस प्रकार से दुराचार किया जा रहा हैं उसमें हमको सजग रहने की आवश्यकता है. साथ ही साथ हम अपनी मातृभाषा का किस प्रकार से सम्मान करें उसके प्रति गर्व करें. अंग्रेजी को छोड़कर के हम हिंदी के प्रति आकर्षित हो. सियाराम मय सब जग जानी की कहावत को चरितार्थ करते हुए हम सभी अपने मन मंदिर में श्री राम का बताते हुए प्रति सप्ताह प्रतिदिन आरती पूजन में भाग ले भजन और भोजन के माध्यम से अपने घर में एक साथ बैठकर के भजन करें हर बाला देवी की प्रतिमा बच्चा-बच्चा राम है इन्हीं भावों को लेकर के हम सब अपने नन्हे मुन्ने बच्चों में संस्कार दे ताकि वह हमारे आने वाले पीढ़ी के लिए मार्ग प्रशस्त हो सकें. हिंदू जहां अल्पसंख्यक वहां हिंदू सुरक्षित हो राम मंदिर के वातावरण को हमको बनाए रखें. राम ही अटल सत्य है।इस पूरे अभियान में ग्राम स्तर पर जो जो विविध कार्यक्रम हुए वे कैसे संपन्न इसके बारे अनुभव कथन ग्राम वासियों द्वारा रखा गया. जिसमें अमर सिंह जी,गजराज सिंह,नरेंद्र मरावी,संजय राजपूत,मानसिंह,उमेश दास ,अशोक जायसवाल सहित अनेक ग्रामों के बारे में बताते हुए कहा कि कलश यात्रा हमारे यहा घर- घर वितरन किए. महिला पुरुष सभी घर से नारियल चावल इकठ्ठा करके 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के महा प्रसादी वितरण किया गया. उस दिन गांव मे कोई व्यक्ति नशा नहीं करेंगे का संकल्प लिया गया. सभी गांव के लोग अपने अनुभव में बताये कि हमारे जीवन का यह सर्वोत्तम त्यौहार था. समाज में जागरण हुआ है. जन मन में सामाजिक समरसता, पर्यावरण संरक्षण,गौ संवर्धन,कुटुंब प्रबोधन,ग्राम विकास के लिए कार्य करने के लिए सहमति दिए.
इस अवसर पर बिलासपुर विभाग से संतोष यादव,मूलचंद साहू,विहिप के दिनेश सोनी,दीपक सोनकर, उत्तरा साहू, अभियान संयोजक संतोष साहू फौजी भाई,प्रदीप उपाध्याय,दयाराम साहू,उमाशंकर राजपूत,संतोष निषाद,चंद्रकांत डडसेना,लेखराम, मनहरण कश्यप,भूपेंद्र कश्यप,खेदू सिंह,हर्ष साहू,सुषमा पांडेय,अंजली शर्मा,गुरमीत सलूजा,धनेश साहू,रवि शर्मा,राकेश दुबे, महाजन,श्रीधर परिहार,धनेश्वर,दिपेश,राजू सिंह, सहित अनेक संगठनों के प्रमुख कार्यकर्ता सहित बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल हुई . इस बीच समापन के समय अयोध्या से आए प्रसाद का वितरण किया गया.